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Wednesday 26 June 2013

कुर्सेला में नियंत्रित स्थिति के बीच तनाव कायम


                   
कुर्सेला थाना क्षेत्र के मलिनियां घाट में वर्चस्व की लड़ाई के कारण गोली बारी की घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया। मामले की गंभीरता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि पुलिस अधीक्षक असगर इमाम ने देर रात घटना स्थल पर पहुंच कर स्थिति को किसी तरह नियंत्रित किया।
एनएच जाम एवं उग्र भीड़ द्वारा पुलिस बल को खदेड़े जाने के बाद एसपी, एसडीपीओ, कुर्सेला थाना एवं पोठिया ओपी पुलिस ने देर रात स्थिति को काबू किया। फिलहाल कुर्सेला में स्थिति नियंत्रण में लेकिन तनावपूर्ण बतायी जा रही है। किसानों एवं ग्रामीणों पर गोली बारी करने वाले कारे लाल यादव गिरोह पर कार्रवाई एवं गिरफ्तारी अब तक नहीं होने के कारण बिंद टोला के लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि गोली बारी की घटना को लेकर कारे लाल यादव के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर दी गयी है। वहीं एनएच जाम करने तथा पुलिस बल के साथ झड़प की घटना को लेकर भी प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक उक्त क्षेत्र में तीन घाटों पर नाव परिचालन किया जाता है, जिसमें दो घाटो पर बंदोबस्ती के तहत नाव परिचालित की जाती है। मलिनियां घाट के रास्ते किसान चारा, अनाज आदि लाने का काम करते है। इस एवज में उन्हें किसी तरह का शुल्क अदा नहीं करना पड़ता है। कारे लाल की नजर इस घाट पर शुल्क उगाही करने की थी। घाट का उपयोग करने के एवज में शुल्क देने को लेकर पूर्व में भी ग्रामीणों के साथ कई बार झड़प होने की सूचना भी है। गुरुवार की शाम घाट पर इसी बात को लेकर बिंद टोला के ग्रामीणों एवं कारे लाल यादव गुट के बीच तू-तू मैं-मैं से बात हिंसक झड़प तक पहुंच गई। ग्रामीणों पर फायरिंग किए जाने की घटना भी हुई। घटना में कुछ लोगों के मारे जाने की अफवाह के बाद बिंद टोला एवं आस पास के ग्रामीण उत्तेजित हो गये तथा एनएच को जाम कर उग्र प्रदर्शन किया। घटना की सूचना पाकर पहुंची पोठिया ओपी पुलिस को भी लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। भीड़ के उग्र तेवर को देख पुलिस उल्टे पांव भागने को मजबूर हुई। बताते चलें कि मनिहारी गंगा दियारा में भी आपसी वर्चस्व की लड़ाई होती रही है। हालांकि हाल के दिनों में इस दियारा इलाके में किसी जल दस्यू गिरोह की सक्रियता की सूचना नहीं है, लेकिन मनिहारी का दियारा क्षेत्र पड़ोसी राज्य झारखंड के साहिबगंज जिले से मिलता है। दोनो राज्यों के बीच दियारा में सीमांकन नहीं होने के कारण फसल बुआई एवं कटाई को लेकर अकसर आपसी झड़प की घटना होती रहती है। लाठी के बल पर यहां खेती की जाती है। सीमांकन विवाद के कारण मनिहारी के दियारा इलाके में भी आने वाले समय में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर खूनी संघर्ष होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। जिले के बरारी एवं मनिहारी के दियारा क्षेत्र में कलाइ फसल की खेती हिंसक झड़प की मुख्य कारणों में रही है। पुलिस द्वारा सुरक्षा को लेकर दियारा क्षेत्र में अस्थायी पुलिस पिकेट भी बनाए जाते है, लेकिन गंगा-कोसी के कई किलोमीटर लंबे क्षेत्र में गश्ती के नाम पर मोटरवोट तक उपलब्ध नहीं है। भाड़े की नाव के सहारे कभी-कभी पुलिस गश्ती जरूर की जाती है। जिले का दियारा इलाका दूसरे जिले एवं पड़ोसी राज्य झारखंड से सटा है। इस स्थिति में दियारा में सक्रिय आपराधिक गिरोह जिले की सीमा में घटना को अंजाम देकर पड़ोसी राज्य व जिला में प्रवेश कर जाते है। वैसे भी जिले के कुर्सेला, मनिहारी, बरारी का विशाल दियारा क्षेत्र में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर दो गुटों के बीच हिंसक झड़प की घटनाएं होती रही है। दियारा इलाकों में संसाधनों के अभाव में पुलिस द्वारा सघन गश्ती नहीं किये जाने के कारण दियारा का बालू क्षेत्र रक्तरंजित होता रहा है।

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