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Thursday 27 June 2013

सर्व धर्म सद्भाव का प्रतीक दाता मांगन शाह का उर्स-ए-पाक शुरू




देर रात 12 बजकर 6 मिनट पर हुई परंपरा के अनुसार पहली चादरपोशी
कायस्थ परिवार के घर दाता करते थे सेवक का काम


बिहपुर प्रखंड के मिल्की गांव में बुधवार से दाता मांगन शाह का सालाना उर्स-ए-पाक शुरू हो गया. देर रात 12:06 बजे बिहपुर निवासी स्वर्गीय लाल बिहारी मजूमदार के वशंज अरविंद दास ने सपरिवार मजार पर आ कर पहली चादरपोशी की. इस मौके पर उर्स इंतेजामिया कमेटी के पदाधिकारी, सदस्य, सरकारी व प्रशासनिक अधिकारी, पंचायत प्रप्रतिनिधि, दोनों संप्रदाय के गणमान्य लोग व बड.ी संख्या में दूसरे प्रदेशों से आये र्शद्धालुओं की भीड. लगी थी. मेले में सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गयी थी. इंस्पेक्टर दिनेश सिंह व थानाध्यक्ष सतीश प्रसाद सिंह व्यवस्था संभालने में तैनात थे. मजार परिसर में लगा मेला बुधवार को शाम ढलते ही पूरे शबाब पर पहुंच गया. उर्स में दाता की जियारत व चादरपोशी करने कई दूसरे राज्यों से जायरीन बड.ी संख्या में यहां पहुंचे हैं. यूपी के फैजाबाद से पहुंचे सिकंदर आलम ने बताया कि वह दाता के चौखट पर पिछले नौ साल से पूरे परिवार के साथ आ रहे हैं. झारखंड के मोहनपुर से पहुंची इशरत बानो ने कहा कि दाता के करम से बरसों से मेरी सुनी गोद आबाद हो गयी. सुपौल के छातापुर से पहुंचे रामप्रकाश मंडल ने कहा कि दाता के दर पर मांगी गयी मुराद दाता जरूर पूरी करते हैं. वे दाता के उर्स में हर साल पूरे परिवार के साथ पहुंचते हैं. मालूम हो कि दाता के दर पर हिंदू-मुसलमान समेत सभी धर्मों को मानने वाले लोग एक साथ पूजा-अर्चना व नियाज फातिहा कर चादरपोशी करते हैं. उर्स का संचालन भी दोनों संप्रदाय के लोग मिल कर करते हैं.


सांसद-विधायक पहुंचे दाता के चौखट पर

बिहपुर प्रखंड के मिल्की गांव में शुरू हुए दाता मांगन शाह के उर्स में दाता के मजार पर गुरुवार को सांसद शाहनवाज हुसैन एवं विधायक ई. शैलेन्द्र जियारत व चादरपोशी करने पहुंचें. जबकि पूर्व विधायक शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल शुक्रवार को चादरपोशी करेंगे.

 घर सेवक का काम करते थे दाता

दाता मांगन शाह के बारे में कहा जाता है कि लगभग 300 वर्ष पूर्व वे बिहपुर के एक कायस्थ लाल बिहारी मजूमदार के घर सेवक का काम करते थे. दाता उनके गाय-बछड.ों को चराते एवं उसकी देखरेख करते थे. एक घटना में श्री मजूमदार के परिवार के किसी सदस्य को कलकत्ता कोर्ट में फांसी की सजा होने वाली थी. घर से किसी वाहन द्वारा कोर्ट जाने में तब दो दिन का समय लगता था. मजूमदार कोर्ट जाने के लिए दो दिन पूर्व निकलने वाले थे. दाता ने उनसे कहा कि मालिक आप बेफिक्र होकर जाएं. कोर्ट में सजा नहीं रिहाई होगी. श्री मजूमदार मांगन की बातों को हंसी में टालते हुए कोर्ट के लिए रवाना हो गये. कहा जाता है कि श्री मजूमदार कोर्ट पहुंचे, तो वहां दाता मांगन शाह कोर्ट में मौजूद थे और कोर्ट में जिसे फांसी की सजा होने वाली थी, मांगन के कहे अनुसार उसकी रिहाई ही हुई. इसके बाद कोर्ट की भीड. में मांगन गुम हो गये. मजूमदार पुन: जब बिहपुर पहुंचे, तो उन्होंने अपने परिजनों को बताया कि मांगन परसों मेरे साथ कलकत्ता कोर्ट में था. लेकिन, मजूमदार के परिजनों ने बताया कि मांगन तो इस घर से कहीं गया ही नहीं है. सभी को आश्‍चर्य हुआ कि वह पैदल कलकत्ता दो दिनों में कैसे पहुंच कर वापस आ सकता है. मजूमदार को यह आभास हो गया कि मांगन कोई साधारण व्यक्ति नहीं है. फिर उन्होंने मांगन की खोजबीन की, तो वे भूसा रखी झोंपड.ी में मृत मिले. उन्हें पुरानी सोनवर्षा गांव के समीप इसलाम धर्म के अनुसार सम्मान के साथ दफनाया गया.

बाद में गंगा कटाव के कारण उनकी अस्थि को एक काली गाय के पूंछ में बांध कर छोड.ा गया. कहा जाता है कि कुछ लोगों को दाता ने स्वप्न दिया था कि काली गाय जहां जा कर रुकेगी, वहीं पर मेरा मजार होगा. वह काली गाय मिल्की में रुकी, जहां आज दाता का भव्य मजार है. और जहां हिंदू-मुसलमान एक साथ पूजा व सजदा करने पहुंचते हैं.


बिहपुर स्टेशन पर सुविधा नहीं, जायरीन परेशान 

बुधवार से प्रखंड के मिल्की गांव में दाता मांगन शाह का उर्स शुरू हो या. उर्स में भारी संख्या में जायरीनों के आने का सिलसिला मंगलवार से ही शुरू हो गया. जायरीन ट्रेन से बिहपुर पहुंच रहे हैं. मगर बिहपुर में रेलवे द्वारा रेल यात्रियों सह जायरीनों की भीड. को देखते हुए कुछ भी तैयारी नहीं की गयी है. रेलवे स्टेशन के शौचालय गंदे व बंद पडे. हैं. इसलिए जायरीनों को भारी परेशानी हुई. खास कर महिलाओं को काफी परेशानी हुई. ट्रेनों से पहुंच रहे बड.ी संख्या में जायरीनों की संख्या को देखते हुए रेलवे ने ट्रेन के ठहराव के समय में भी कोई वृद्धि नहीं की है. स्टेशन अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने बताया कि ऊपर से कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है, फिर भी सुविधा के लिये ट्रेन के ठहराव का समय बढ.ाया जाता है. वहीं शौचालय को दुरुस्त करने एवं स्टेशन पर बिजली की बेहतर व्यवस्था करने के लिए विभागीय अधिकारियों को लिखा गया है. उर्स अवधि तक के लिये एक अतिरिक्त टिकट काउंटर खोलने के लिये सक्षम पदाधिकारी को लिखा गया है. सात दिवसीय उर्स में हजारों यात्री ट्रेन द्वारा बिहपुर पहुंचते हैं

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