अगले कुछ महीनों में देश के दूरदराज ग्रामीण इलाकों में जब आप जाएंगे तो ऐसे गांवों में एटीएम की सुविधा पाएंगे, जहां बिजली मौजूद नहीं है। चौंकिए नहीं। दरअसल यह एटीएम सौर ऊर्जा से संचालित होंगे। इनकी खासियत यह होगी कि इसकी आटोमेटेड वायस और रसीद स्थानीय भाषा में होगी। यह सब संभव हो पाया है इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (आइएफसी) के कारण, जो विश्र्व बैंक का सदस्य है। पिछले महीने आइएफसी ने घोषणा की थी कि वह चेन्नई के वोरटेक्स इंजीनियरिंग में 27 लाख डॉलर (14.9 करोड़ रुपये) का निवेश करेगा, जो कम कीमत के सौर ऊर्जा एटीएम बना रहा है। पिछले महीने वित्त मंत्रालय ने कम लागत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एटीएम चलाने के लिए वेंडरों का चयन किया है। आइएफसी और मंत्रालय के इस प्रयास से वोरटेक्स को देश के दूर दराज के क्षेत्रों में 2000 सौर ऊर्जा संचालित एटीएम लगाने में मदद मिलेगी। ऐसे हुई शुरुआत : चार साल के शोध के बाद वोरटेक्स के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) विजय बाबू ने आइआइटी मद्रास के सहयोग से 2008 में कंपनी की शुरुआत की थी। वह देश भर के अंदरुनी हिस्सों में छह सौ एटीएम स्थापित कर चुके हैं। 48 वर्षीय विजय ने बताया,सौर ऊर्जा से संचालित एटीएम बाहर से आम एटीएम की तरह नजर आता है। हालांकि इसके काम करने का तरीका नियमित एटीएम से बिल्कुल अलग है। उन्होंने बताया कि इसमें आठ घंटे का बैकअप पावर होता है। इसमें सौ वाट से कम बिजली की खपत होती है जबकि नियमित एटीएम में 600 वाट बिजली की खपत होती है। बैंकों के लिए प्रतिदिन एक एटीएम से 200 लोगों वहीं गांवों में सौर ऊर्जा से संचालित एटीएम से प्रतिदिन 75 लोग ही पैसे निकाल सकते हैं।
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