नवगछिया : प्रीतम हत्याकांड में अब तक सामने आयी कहानी से प्रीतम के परिजन भले ही असंतुष्ट हों, लेकिन पुलिस पूरी तरह से आश्वस्त है कि इस हत्याकांड का अनुसंधान सही दिशा में है और सटीक है. अब तक जेल भेजे गये लोगों में से कोई निर्दोष नहीं है और सबों की इस हत्याकांड में संलिप्तता है. पुलिस ने ऐसे लोगों के खिलाफ प्र्याप्त साक्ष्य जुटाये हैं जो कि पूरी तरह से प्रमाणिक है. रेल आइजी विनय कुमार ने कहा कि चूकि उक्त हत्या एक टर्म में नहीं की गयी है. पहली घटना प्रीतम के साथ ट्रेन में मारपीट फिर इसके बाद प्रीतम का बैग लेकर भागना है. इसमें चार लोगों की भागीदारी बतायी गयी है. फिर प्रीतम स्टेशन पर तीन घंटे घूमता है और क्रमश: अगल अलग अपराधियों के गिरफ्त में प्रीतम फंसता चला जाता है. फिर अंत में उसकी हत्या कर दी जाती है. इस घटनाक्रम की कई कड़ियां हैं. इसलिए यह किसी एक गिरोह या दो चार अपराधियों की करतूत नहीं है. इस पूरे घटनाक्रम में 15 से 20 लोगों की संलिप्तता है. पुलिस को इस मामले में कइ नामों की साक्ष्यपूर्ण जानकारी भी मिल गयी है. आने वाले दिनों में पूरी तरह से घटना का खुलास किया जायेगा. उन्होंने भी स्पष्ट कहा है कि इस हत्याकांड में निर्दोष लोगों को अब तक जेल नहीं भेजा गया है. जिन्हें भी जेल भेजा गया, वे इस हत्याकांड में संलिप्त हैं और उनकी इस अपहरण हत्याकांड में किस तरह की भागीदारी रही है. पुलिस जल्द ही पूरे मामले से पर्दा उठा देगी. आइजी रेल ने कहा कि उनके स्तर से इस कांड की रोज प्रगति र्पिोट कनीय पदाधिकारियों से ली जा रही है. रेल पुलिस के कई पदाधिकारियों की इस हत्याकांड पर प्रत्यक्ष नजर है. परिजनों द्वारा की जा रही सीबीआइ जाचं की मांग पर उन्होंने कहा कि वे स्वतंत्र हैं. पुलिस अपना कार्य बखूबी कर रही है. मालूम हो कि इस हत्याकांड में अब तक छट्ठ सहनी, नेपाली सिंह, बाल्मिकी रजक, राजेश कुमार, विजय कुमार को जेल भेज दिया गया है. वहीं इस हत्याकांड में चंदन कुमार साह का भी नाम सामने आया है. चंदन पाकेटमारी मामले में खगड़िया जेल में है पुलिस ने उसे रिमांड पर लेने के लिए संबंधित न्यायालय में अरजी दी है.
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