नारायणपुर के कुरबान अली का शरीर बुखार से तप रहा था. उसे बुखार था. बार-बार वह खांस रहा था और चिकित्सक के आने का इंतजार कर रहा था. कर्मियों से पूछने पर उसे बताया गया कि शाम में या फिर कल आना. मौके से ही कुरबान ने भागलपुर के सीएस से मोबाइल से बात की और व्यवस्था की कलई खोल कर रख दी. इसके करीब एक घंटे बाद प्रतिनियुक्त चिकित्सक डॉ विनोद कुमार पहुंचे. उन्होंने कुरबान अली से कहा आउटडोर का समय समाप्त हो गया है. शाम में आना. इसके बाद कुरबान खांसते हुए अपने घर चला गया. इस दौरान पीएचसी कर्मियों की खरी खोटी भी सुननी पड.ी. कुरबान का कहना था कि वह तो समय से ही आया था, लेकिन समय पर डॉक्टर साहब ही नहीं थे. कुरबान के घर जाते ही डॉ विनोद कुमार फिर चले गये और पीएचसी नारायणपुर फिर चिकित्सक विहीन हो गया. भ्रमरपुर की पिंकी देवी को कुत्ते ने काट लिया था. इलाज के लिए वह भी पीएचसी आयी थी. चिकित्सक के नहीं रहने के कारण उसे भी वापस जाना पड.ा. औषधालय की भी यही स्थिति थी. आशा टोल के उमेश शर्मा और नारायणपुर के मो कबीर घंटे भर बैठ कर दवा की दुकान खुलने का इंतजार कर रहे थे.
साफ सफाई की हालत बदतर
पीएचसी में साफ सफाई का हाल बहुत ही बुरा था. किसी भी बेड पर चादर नहीं थी. वाडरें की सफाई नहीं की गयी थी. लाखों की लागत से बने शौचालय को देख कर लग रहा था कि यह एक माह से साफ नहीं किया गया है. शौचालय में गंदा खून और कचरा यत्र तत्र पसरा हुआ था. दवा रखने वाले स्टोर रूम की भी हालत वही थी. कई दवाओं पर धूल जमे थे. पीएचसी के बाहरी या आंतरिक कक्ष में कही भी चिकित्सकों की ड्यूटी का रोस्टर नहीं था. स्वास्थ्य प्रबंधक भी ड्यूटी पर नहीं थे. चिकित्सकों की ड्यूटी के बारे में पूछने पर पता चला कि अभी यह कोई नहीं बता पायेगा. किसी कर्मी ने उसे आलमारी में रख कर ताला लगा दिया है. बाद में पता चला कि सुबह की शिफ्ट में डॉ संजीव और दोपहर दो से शाम आठ बजे तक डॉ विनोद कुमार की ड्यूटी है. लेकिन, करीब एक बजे से लगातार दो घंटे तक कोई भी चिकित्सक पीएचसी में नहीं थे. नर्स शैल कुमारी भी ड्यूटी के समय में नहीं थी.
मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की जायेगी. दोषियों पर
कार्रवाई की जायेगी.
डॉ उदय शंकर चौधरी, सीएस
मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है. व्यवस्था सुदृढ. रहे, इसके
लिए नियमित तौर पर पीएचसी का निरीक्षण किया जायेगा.
रवींद्र कुमार, बीडीओ
कुछ लोग उनकी व्यवस्था को बिगाड. रहे हैं. अनुपस्थित
चिकित्सकों से जवाब तलब किया गया है. हर हालत में व्यवस्था
दुरुस्त होगी.
डॉ विजेंद्र कुमार विद्यार्थी, पीएचसी प्रभारी
पीएचसी की इस तरह की व्यवस्था और माहौल नया नहीं है. वे
लोग पहले भी इस तरह की बातों की शिकायत करते रहें हैं
.
डॉ सुभाष कुमार विद्यार्थी, सदस्य, रोगी कल्याण समिति
साफ सफाई की हालत बदतर
पीएचसी में साफ सफाई का हाल बहुत ही बुरा था. किसी भी बेड पर चादर नहीं थी. वाडरें की सफाई नहीं की गयी थी. लाखों की लागत से बने शौचालय को देख कर लग रहा था कि यह एक माह से साफ नहीं किया गया है. शौचालय में गंदा खून और कचरा यत्र तत्र पसरा हुआ था. दवा रखने वाले स्टोर रूम की भी हालत वही थी. कई दवाओं पर धूल जमे थे. पीएचसी के बाहरी या आंतरिक कक्ष में कही भी चिकित्सकों की ड्यूटी का रोस्टर नहीं था. स्वास्थ्य प्रबंधक भी ड्यूटी पर नहीं थे. चिकित्सकों की ड्यूटी के बारे में पूछने पर पता चला कि अभी यह कोई नहीं बता पायेगा. किसी कर्मी ने उसे आलमारी में रख कर ताला लगा दिया है. बाद में पता चला कि सुबह की शिफ्ट में डॉ संजीव और दोपहर दो से शाम आठ बजे तक डॉ विनोद कुमार की ड्यूटी है. लेकिन, करीब एक बजे से लगातार दो घंटे तक कोई भी चिकित्सक पीएचसी में नहीं थे. नर्स शैल कुमारी भी ड्यूटी के समय में नहीं थी.
मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की जायेगी. दोषियों पर
कार्रवाई की जायेगी.
डॉ उदय शंकर चौधरी, सीएस
मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है. व्यवस्था सुदृढ. रहे, इसके
लिए नियमित तौर पर पीएचसी का निरीक्षण किया जायेगा.
रवींद्र कुमार, बीडीओ
कुछ लोग उनकी व्यवस्था को बिगाड. रहे हैं. अनुपस्थित
चिकित्सकों से जवाब तलब किया गया है. हर हालत में व्यवस्था
दुरुस्त होगी.
डॉ विजेंद्र कुमार विद्यार्थी, पीएचसी प्रभारी
पीएचसी की इस तरह की व्यवस्था और माहौल नया नहीं है. वे
लोग पहले भी इस तरह की बातों की शिकायत करते रहें हैं
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डॉ सुभाष कुमार विद्यार्थी, सदस्य, रोगी कल्याण समिति
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