सुखद सपने जैसा लग रहा था. परदे पर इश्क फरमाने वाले, फाइट सीन में गुंडों को धूल चटाने वाले, लोगों को हँसा कर लोट पोट कर देने वाले, पुलिस बन कर रौब दिखाने वाले या फिर नेता बनने वाले लोग नवगछिया के हैं और मैं इन लोगों से रोज मिलता हूँ। मैंने रविवार को नवगछिया के कृष्णा सिनेमा हाल में यादव जी फ़िल्म को देखा। आप इस फ़िल्म में स्थानीय कलाकारों को परदे पर देखने की अनुभूति के साथ साथ नवगछिया दर्शन का भी आनंद ले सकते हैं। नवगछिया का महदतपुर, साहू परवत्ता, हाईस्कूल, तेतरी दुर्गा मंदिर, नवगछिया बाज़ार, खरीक का सूर्य मंदिर आदि अंन्य स्थलों को आप रुपहले परदे पर देखने का सुखद एहसास कर सकते हैं। इतना ही नहीं नवगछिया का केला और रियल कुस्ती दंगल भी इस फ़िल्म में दिखाया गया है। निर्देशक संजय श्रीवास्तव ने अपनी इस फ़िल्म में बेहतर देने का प्रयास किया है। नायक के रूप में धर्मेश मिश्रा ने यादव जी के किरदार को बखूबी जिया है। नायिका फलक आपनी शोख चुलबुली अदाओं और गम्भीर अभिनय से दर्शकों को मोहने में सफल रही है। खल चरित्र को बालेश्वेर सिंह ने जीवंत कर दिया है। वे शुरू से अंत तक प्रभावी दिखे। उनके संवाद लोगों के जुबान पर चढ़ रहे हैं। खलनायक के चरित्र में सीपी भट्ट का दुग्ध स्नान और लात मारने, मूंछ पर हाथ फेरने का आंदाज क्लिक कर गया है। बबन यादव एक मंझे हुए कलाकार हैं और पटना के सुपरस्टार हैं यह उन्होंने फिर यह सिद्ध कर दिया है। नवगछिया के कलाकारों दिलीप आनंद, नरेंद्र गुलशन, अर्पिता माली, डॉ गोपाल भारती से निर्देशक ने अच्छा कम लिया है। पंकज प्रियदर्शी ने लीक से हटकर गाना लिखा है। गणेश पाण्डेय का संगीत सराहनीय है। फ़िल्म के गाने केतना करी हैम तोहर रूप के बखान …… हाफ पेंट वाली,,,,,,,,,,, काफी लोकप्रिय हो रहा है। एक समय लगातार हिट संगीत अलबम देने वाले लोकगायक चेतन परदेसी ने पहली बार किसी फ़िल्म के गाने में आवाज दी है। भोजपुरी फिल्मों में गायक नायक के रूप में सफल हो रहे हैं , उम्मीद की रही है कि आये दिन चेतन परदेसी भी नायक के रूप में दिखेंगे। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं कांग्रेस के नेता फ़िल्म में मेहमान कलाकार के रूप में नजर आये हैं। कुल मिलाकर यादव जी सफलता के झंडे गारने में कामयाब रहे हैं। सिनेमा घरों से अच्छा रिस्पॉन्स आ रहा है। शो हॉउसफुल है। कृष्णा टाकिज के संचालक विनोद यादव ने जानकारी दी हैं कि नवगछिया में यादव जी से पहले सलमान खान की जय हो फ़िल्म प्रदर्शित किया गया था जो छः दिनों तक ही चल सकी फ़िलहाल यादव की के सभी शो हाउस फुल हैं। मधेपुरा, कटिहार, सुपौल, सीतामढ़ी, पूर्णियां आदि जिलों के सिनेमा हाल से यादव के शो कि अच्छी खबर है.
ये है यादव जी फ़िल्म कि कहानी
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