प्रीतम हत्याकांड में पुलिस के हाथ अब भी खाली हैं। घटना के 16 दिनों बीत चुके हैं। अब पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में अपने अफसरों को निशाने पर लिया है। मंगलवार को कांड के अनुसंधानकर्ता सह नवगछिया रेल थानाध्यक्ष मनीष कुमार को निलंबित कर दिया गया। उनकी जगह वैद्यनाथ पाठक वैदिक को नियुक्त किया गया है। आगे भी कई अधिकारियों पर गाज गिरने की संभावना है।
प्रीतम हत्याकांड को लेकर पहली बार रेल डीआइजी जेडएच. खान भी नवगछिया पहुंचे। यहां उन्होंने रेल थाने में कांड के अनुसंधान से जुड़े अधिकारियों के साथ घंटों बैठक कर मामले की समीक्षा की और कई निर्देश भी दिए। बैठक में बरौनी के डीएसआरपी आलोक कुमार, कटिहार के डीएसआरपी कर्मलाल आदि मौजूद थे। रेल डीआइजी ने सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक लगातार कई रेल थानों में बैठकें की।
पसीना बहाने पर नहीं मिला रहा प्रमाण
प्रीतम हत्याकांड की उलझी गुत्थी को सुलझाने में पुलिस खूब पसीना बहा रही है। लेकिन घटना से जुड़े कोई भी साक्ष्य (प्रमाण) नहीं मिल रहे हैं। दूसरे राज्य से जुड़ा मामला होने के कारण पुलिस ठोस साक्ष्य के साथ कांड का उद्भेदन चाहती है। रेल जिला कटिहार के बरौनी से लेकर किशनगंज तक के पॉकेटमारों व बदमाशों की पूरी कुंडली खंगालने के बाद भी कुछ हासिल नहीं हुआ। पुलिस का मानना है घटना को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है। घटनास्थल पर वारदात से जुड़े एक भी सबूत नहीं मिले हैं। इस कांड में शातिर बदमाशों का हाथ है। बहरहाल, जिला पुलिस अब जिले के नामी बदमाशों के इतिहास को पलटने की तैयारी कर रही है
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