प्रीतम हत्याकांड का राज उसके सह यात्रियों व टीटीइ के इर्द-गिर्द घूम रहा है. प्रीतम के बर्थ पर कटिहार रेलवे स्टेशन पर कुछ युवक जबरन बैठ गये थे. सभी बर्थ पर यात्री थे लेकिन दो युवकों से बर्थ पर बैठने को लेकर प्रीतम की तू-तू, मै-मैं हुई थी. प्रीतम टीटीइ को ढूंढ रहा था लेकिन जब वह नहीं मिला तो उसने मोबाइल से अपने परिजनों से शिकायत की. प्रीतम से युवकों की बाताबाती अचानक शुरू हुई और मामला गंभीर हो गया. इतना ही नहीं दो अन्य युवक भी उस बोगी में अनधिकृत रूप से चढे. थे. ट्रेन जब नवगछिया स्टेशन पर रुकी तो इन युवकों की एक बार फिर प्रीतम के साथ तू-तू, मैं-मैं हुई. इस बीच दो अन्य युवक उसकी सीट पर रखे बैग को उठाकर भाग ख.डे हुए. सहयात्री जब तक समझते तब तक बहुत देर हो चुकी थी. प्रीतम भी बैग लुटेरों के पीछे भागा. तू-तू, मैं-मैं करनेवाले युवक भी ट्रेन में नहीं दिखे. इसके बाद क्या हुआ यह सह यात्रियों का पता नहीं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रीतम के छह सहयात्रियों की शिनाख्त करने के बाद उनसे पूछताछ की गयी है. कुछ मामले प्रकाश में आये हैं जो हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए अहम माने जा रहे हैं. अवध आसाम के बर्थ नंबर 36 पर रात में कोई यात्री नहीं था. उक्त सीट पर टीटीइ ने एक अन्य यात्री को सफर करने के लिए अवैध रूप से अधिकृत किया था.
अब पुलिस इस मामले में कुछ भी कहना नहीं चाहती. कटिहार रेल एसआरपी डॉ सुकन पासवान ने बताया कि वे अपना काम कर रहे हैं और जल्द ही मामले का पर्दाफाश होगा. उन्होंने दावा किया कि वे हत्यारों तक पहुंच जायेंगे. दूसरी ओर पुलिस कई टीम में विभक्त होकर संदिग्ध अपराधियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. सूचना है कि रेल पुलिस इस ने इस मामले में भागलपुर के भी एक पॉकेटमार से पूछताछ की है. पुलिस उसके कहने पर कुछ रेल अपराधियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है. बता दें कि प्रीतम का अपहरण नौ जुलाई को अवध-असम एक्सप्रेस से नवगछिया स्टेशन से उतरने के दौरान हुआ था. इधर, इस मामले में मोबाइल के कॉल डिटेल खंगाले जा रहे हैं. प्रीतम के परिजनों के कॉल डिटेल की भी पड़ताल की जा रही है. रेल आइजी विजय कुमार सिंह, रेल एसपी डॉ सुगन पासवान, नवगछिया एसपी आनंद कुमार सिंह, नवगछिया एसडीपीओ रमा शंकर राय, रेल डीएसपी आलोक कुमार आदि के लिए यह हत्याकांड चुनौती बना हुआ है.
किसी परिचित का हाथ तो नहीं !
प्रीतम की हत्या के पीछे कहीं किसी परिचित का हाथ तो नहीं पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है. पुलिस को आशंका है कि कटिहार रेलवे स्टेशन पर अपरिचित युवक का प्रीतम से उलझना, नवगछिया पहुंचते ही अन्य युवक द्वारा उसका बैग लेकर भागना सिर्फ छिनतई की घटना नहीं थी. इसकी पीछे प्रीतम की हत्या की साजिश हो सकती है. प्रीतम के लैपटॉप रखने वाले बैग में एक साधारण कैमरा के अलावा उसकी जीवन भर की कमाई थी. उस बैग में मैट्रिक से लेकर एमएससी तक के सार्टिफिकेट थे. वह भी मूल प्रमाण पत्र. अपराधियों ने उसके साथ ट्रेन में मारपीट भी नहीं की थी. एक ओर उससे झगड़ा किया गया दूसरी ओर बैग लेकर भागने लगे युवक. यह देख प्रीतम ने बैग लेकर भागनेवाले का पीछा किया और बिछाये जाल में फंसता चला गया. पुलिस को कुछ अहम सुराग भी हाथ लगे हैं जो हत्यारों की गरदन तक पहुंचा सकते हैं. हालांकि इस बाबत वरीय अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इंकार किया है. अधिकारियों ने कहा है कि वे गुत्थी को जल्द ही सुलझा लेंगे.
अब पुलिस इस मामले में कुछ भी कहना नहीं चाहती. कटिहार रेल एसआरपी डॉ सुकन पासवान ने बताया कि वे अपना काम कर रहे हैं और जल्द ही मामले का पर्दाफाश होगा. उन्होंने दावा किया कि वे हत्यारों तक पहुंच जायेंगे. दूसरी ओर पुलिस कई टीम में विभक्त होकर संदिग्ध अपराधियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. सूचना है कि रेल पुलिस इस ने इस मामले में भागलपुर के भी एक पॉकेटमार से पूछताछ की है. पुलिस उसके कहने पर कुछ रेल अपराधियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है. बता दें कि प्रीतम का अपहरण नौ जुलाई को अवध-असम एक्सप्रेस से नवगछिया स्टेशन से उतरने के दौरान हुआ था. इधर, इस मामले में मोबाइल के कॉल डिटेल खंगाले जा रहे हैं. प्रीतम के परिजनों के कॉल डिटेल की भी पड़ताल की जा रही है. रेल आइजी विजय कुमार सिंह, रेल एसपी डॉ सुगन पासवान, नवगछिया एसपी आनंद कुमार सिंह, नवगछिया एसडीपीओ रमा शंकर राय, रेल डीएसपी आलोक कुमार आदि के लिए यह हत्याकांड चुनौती बना हुआ है.
किसी परिचित का हाथ तो नहीं !
प्रीतम की हत्या के पीछे कहीं किसी परिचित का हाथ तो नहीं पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है. पुलिस को आशंका है कि कटिहार रेलवे स्टेशन पर अपरिचित युवक का प्रीतम से उलझना, नवगछिया पहुंचते ही अन्य युवक द्वारा उसका बैग लेकर भागना सिर्फ छिनतई की घटना नहीं थी. इसकी पीछे प्रीतम की हत्या की साजिश हो सकती है. प्रीतम के लैपटॉप रखने वाले बैग में एक साधारण कैमरा के अलावा उसकी जीवन भर की कमाई थी. उस बैग में मैट्रिक से लेकर एमएससी तक के सार्टिफिकेट थे. वह भी मूल प्रमाण पत्र. अपराधियों ने उसके साथ ट्रेन में मारपीट भी नहीं की थी. एक ओर उससे झगड़ा किया गया दूसरी ओर बैग लेकर भागने लगे युवक. यह देख प्रीतम ने बैग लेकर भागनेवाले का पीछा किया और बिछाये जाल में फंसता चला गया. पुलिस को कुछ अहम सुराग भी हाथ लगे हैं जो हत्यारों की गरदन तक पहुंचा सकते हैं. हालांकि इस बाबत वरीय अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इंकार किया है. अधिकारियों ने कहा है कि वे गुत्थी को जल्द ही सुलझा लेंगे.
No comments :
Post a Comment