अभियोजन पक्ष से बातचीत कर न्याय की संभावनाओं पर होगी तलाश : रेल एसपी
रेल पुलिस के औचित्य पर सवाल उठा रहे हैं स्थानीय लोग
असम के सिल्चर निवासी प्रीतम हत्याकांड मामले में रेल पुलिस को खगड.िया कोर्ट के फैसले की कॉपी का इंतजार है. हालांकि कि कल तक प्रीतम हत्याकांड के नाम से चौक जाने वाली पुलिस आज प्रीतम हत्याकांड को साफ्ट कार्नर में रखा है. पुलिस का स्पष्ट कहना है कि पुलिस ने अपना काम कर लिया अब गवाह ही मुकर जाये तो वे क्या करेंगे. नवगछिया के आस पास इलाकों में प्रीतम हत्याकांड पर एक बार भी चर्चा का बाजार गरम है. स्थानीय लोग रेल पुलिस के औचित्य पर ही सवाल उठा रहे हैं. लोगों का कहना है कि एक तो पुलिस वारदातों को रोक पाने में पूरी तरह से असफल रही है. दूसरी तरफ वारदात होने पर पुलिस अपराधियों को सजा नहीं दिलवा पाती है. ऐसी स्थिति में रेल पुलिस का होना और न होना बराबर है. मालूम हो कि 15 माह पहले नौ जुलाई 2012 को अवध असम एक्सप्रेस से दिल्ली जा रहे असम के सिल्चर निवासी छात्र प्रीतम भट्टाचार्य का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गयी थी.
इस मामले में पुलिस स्तर से किये गये अनुसंधान में बनाये गये कुल नौ आरोपियों को इस मामले में साक्ष्य के अभाव में खगड.िया के तदर्थ अपर जिला सत्र न्यायालय सहजानंद शर्मा की अदालत ने रिहा कर दिया है. कानूनी मामले के कुछ जानकार लोगों ने कहा कि पुलिस के अनुसंधान में जबरन ठूंसे गये गवाह और टेलीफोन व मोबाइल नंबर के ताने बाने के आधार पर बनायी गयी एक कहानी के सिवा कुछ भी नहीं है. कटिहार के रेल एसपी जितेंद्र मिर्शा ने कहा कि पुलिस फैसले की कॉपी का इंतजार कर रही है. फैसले की कॉपी का अध्ययन करने के बाद अभियोजन पक्ष से सलाह मशविरा कर पुलिस आगे की रणनीति तय करेगी. |
Friday, 11 January 2013
प्रीतम हत्याकांड : पुलिस को फैसले की कॉपी का इंतजार
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