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Sunday, 1 June 2014

कहानी के पीछे की कहानी !--------------और पूछ पूछ कर काटा गया विपिन को

देखें किस तरह कांप उठा था कोसी का कलेजा 


विपिन यादव का शव 

                                                      भोला यादव का शव

शव को देखते ग्रामीण 

घटना स्थल पर पहुंची नवगछिया पुलिस 

                              ! कहानी के पीछे की कहानी !

उस रात अपराधियों ने हैबानियत की सारी हदों को पार कर दिया था. कोसी कछार चित्कार से कांप उठा था. हैबानों के कब्जे में दो लोग थे जिसमे एक पर रहम कर उसे मौत दे दिया गया था. दूसरा हैबानों से रहम में मौत मांग रहा था. लेकिन शैतान अपराधियों के सर पर सवार था. उसे पांव की ओर से पूछ पूछ कर काटा जा रहा था. उसके चीख धरती के कलेजे को भेद रहा था लेकिन अपराधी भोथरे दबिये से उसे क्रमशः काट रहे थे. पैर को काटने के क्रम में उसके हाथ अपराधियों के बंधन से मुक्त हो गया और अपने हाथ से अपराधियों के चंगुल से छूटने का प्रयास करने लगे. यह देख आठ से दस की संख्या में अपराधियों ने पहले उसका हाथ काटने का निर्णय लिया। अपराधियों ने दोनों हाथ और पैर को काटने में डेढ़ घंटे का समय लगाया। वह अभी भी जिन्दा था लेकिन उसे चीत्कार करने के ताकत नहीं रही थी. वह गाली देकर बोल रहा था अब तो मार  दो ………… लेकिन अपराधियों ने शराब पीने का निर्णय लिया और कुछ दूर हटकर 40 से 45 मिनट तक शराब को हलक से उतरा। सभी अपराधी जब लौट काम पूरा करने आये तो वह अचेत हो चुका था. फिर सर से धर को अलग कर दिया गया. सर को एक गमछे से बांध कर एक अपारदर्शी बड़े पोलोथीन के झोले में रखकर शवों के टुकड़े को कोसी में फैंक दिया फिर सभी अपराधी इस तरह पोलोथीन उठाकर टहलते हुए निकले जैसे बाजार से मुर्गे का गोस्त खरीदकर घर जा रहे हो. इस तरह भयानक और मुश्किल मौत पाने वाला शख्स रंगरा थाने के भवानीपुर गांव का विपिन यादव था और अपराधियों के रहम का पात्र बन आसानी से मौत पाने वाला कथित रूप से बांका जिला निवासी भोला यादव था. दोनों के शव को पुलिस ने घटना के दो दिन बाद खरीक के बिषपुरिया कोसी धार से छः मई 2014 को बरामद किया था. शव बरामद होने के बाद नवगछिया पुलिस खुद अपना पीठ ठोक रही थी. पुलिस ने विपिन के  माँ की सूचना पर भवानीपुर के ही शातिर कुमोदी यादव को गिरफ्तार कर उसी के निशानदेही पर शव  को बरामद किया था.कहानी के पीछे की कहानी यह भी है कि कुमोदी के शोहबत में ही विपिन भी अपराधी बना था लेकिन मतभेद हो जाने के बाद दोनों एक दूसरे के जान के दुश्मन हो गए थे. कुमोदी ने बांका के शूटर भोला यादव को विपिन के हत्या करने की सुपारी दी थी, भोला और विपिन पुराने दोस्त थे. लिहाजा भोला ने विपिन को बांका में छुपा दिया और खुद कुमोदी को विपिन की हत्या कर दिये जाने और पैसे लेकर खुद बांका आने की सूचना दी.संयोग से कुमोदी ने अपने भाई चार अप्रैल को पैसे लेकर बांका भेजा, भोला और विपिन ने मिलकर कुमोदी के भाई से पैसे लेकर उसकी हत्या कर दी और शव को पहाड़ी पर फैंक दिया, इसके बाद विपिन ने भोला के ही एक दोस्त को भोला और  विपिन के हत्या की सुपारी डेढ़ लाख रूपये में दे डाला, शर्त थी कि उसे हत्या के बाद विपिन का सर चाहिए। फिर भोला के नवगछिया निवासी दोस्त ने विपिन और भोला दोनों को अपने जाल में फांसा फिर अपहरण कर कोसी किनारे ले गए और  हैबनियात को भी शर्मसार करने वाले घटना को अंजाम दिया। कुमोदी जेल जा चुका है लेकिन कांड में शामिल अन्य 14 संलिप्त अपराधी अभी भी पुलिस के गिरफ्त से बाहर हैं.

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